Godavari Tambekar

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पहिली ते दहावी संपूर्ण अभ्यास

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शुक्रवार, १० जून, २०२२

मेरा अद्भुत स्वप्न

             मेरा अद्भुत स्वप्न 



     [ रूपरेखा (1) स्वप्न का सिलसिला (2) वह अनोखी दुनिया (3) वहाँ के बच्चों के साथ (4) देवी महालक्ष्मी के दर्शन (5) एक अनोखा व मजेदार स्वप्न ।] 

        रात को मुझे अकसर सपने दिखाई देते हैं। सपने में मैं कभी अखाड़े में बड़े-बड़े पहलवानों को चित कर देता हूँ। कभी क्रिकेट के खेल में सेंचुरी बना लेता हूँ। कल रात को मैं ' परी कथाएँ' नाम की एक पुस्तक पढ़ रहा था। पढ़ते-पढ़ते आँख कब लग गई, पता ही नहीं चला। नींद में मैंने एक अद्भुत स्वप्न देखा।

         स्वप्न में मुझे एक सुंदर रथ दिखाई दिया। रथ में सात घोड़े जुते हुए थे। रथ का सारथि एक सुंदर बालक था। उसने मुझे अपने पास बुलाया और रथ में बैठने के लिए कहा। ज्यों ही मैं रथ में बैठा कि रथ उड़ने लगा। आकाश में इतनी ऊँचाई पर उड़ने में मुझे बहुत मजा आ रहा था। 

       कुछ देर उड़ने के बाद रथ एक मनोरम प्रदेश में उतरा। वहाँ चारों ओर हरी-हरी मखमल जैसी घास उगी हुई थी। आस-पास विचित्र रंगोंवाले सुगंधित फूल खिले हुए थे। पास ही एक तालाब था। उसमें हंस तैर रहे थे। झरनों का मधुर संगीत सुनाई दे रहा था। मेरे लिए यह अद्भुत दुनिया थी।

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