छोड़ो कल की बातें कल की बात पुरानी
छोड़ो कल की बातें, कल की बात पुरानी,
नये दौर में लिखेंगे मिलकर नई कहानी।
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी |
आज पुरानी जंज़ीरों को तोड़ चुके हैं,
क्या देखें उस मंज़िल को जो छोड़ चुके हैं।
चाँद के दर पे जा पहुँचा है आज ज़माना,
नये जगत से हम भी नाता जोड़ चुके हैं।
नया ख़ून है, नयी उमंगें, अब है नयी जवानी।
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी |
हमको कितने ताजमहल हैं और बनाने,
कितने ही अजंता हम को और सजाने।
अभी पलटना है रुख कितने दरियाओं का,
कितने पवर्त राहों से हैं आज हटाने ।
नया ख़ून है, नयी उमंगें, अब है नयी जवानी।
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी।
आओ मेहनत को अपना ईमान बनाएँ,
अपने हाथों को अपना भगवान बनाएँ ।
राम की इस धरती को, गौतम की भूमि को,
सपनों से भी प्यारा हिंदुस्तान बनाएँ।
नया ख़ून है, नयी उमंगें, अब है नयी जवानी।
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी ।
हर ज़र्रा है मोती आँख उठाकर देखो,
माटी में सोना है हाथ बढ़ाकर देखो।
सोने की ये गंगा है, चाँदी की यमुना,
चाहो तो पत्थर से धान उगाकर देखो।
नया ख़ून है, नयी उमंगें, अब है नयी जवानी।
हम हिन्दुस्तानी, हम हिन्दुस्तानी
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